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NIGHT WALKERS.

अनजान बस्ती...

." हे ख़ुदा तेरा शुक्रिया, कम से कम उन वीरान इलाकों से दूर कोई बस्ती तो दिखी... अब सबसे पहले घर का दरवाज़ा खटखटा कर देखता हूं, हो सकता है कि यहां आस पास कोई डॉक्टर रहता हो, जो मेरे सिर पर टांके लगा सके, ताकि बहता हुआ ख़ून रुक जाए," कार्टर ने अपने मन में विचार करते हुए ख़ुद से कहा और अागे बढ़ गया उस घर का प्रवेश द्वार खटखटाने के लिए, जिसके बाहर एक मोटा लोहे का कुंडा लटक रहा था। 

" ठक ss ठक ss ठक... ठक ss ठक ss ठक ss ठक," कार्टर दरवाज़े पर ज़ोरदार दस्तक देता है और फ़िर एक कदम पीछे हटकर, सज्जन व्यक्ति का सबूत देते हुए खड़ा हो जाता है। 

" अरे बड़ी अजीब बात है, दरवाज़े पर इतनी ज़ोरदार दस्तक देने के बाद भी, अब तक इसे कोई खोलने नहीं आया... चलो एक बार फ़िर से कोशिश करके देखता हूं, शायद इस बार सफलता हाथ लग जाए," काफ़ी देर तक इंतजार करने के बाद भी जब कोई प्रतिक्रिया नहीं होती है, तो कार्टर मन में विचार करते हुए ख़ुद से कहता है और एक बार फ़िर से दरवाज़ा खोलने के लिए अागे बढ़ता है।

" ठक ss ठक ss ठक ss ठक... ठक ss ठक ss ठक," कार्टर एक बार फ़िर से घर के मुख्य प्रवेश द्वार के लोहे का कुंडा पकड़कर, उससे अपनी उपस्थिति का आभास कराते हुए ज़ोरदार दस्तक देता है तथा फ़िर से एक क़दम पीछे हटकर खड़ा हो जाता है। 

" ये तो वाकई काफ़ी अजीब सी बात है... दूसरी बार भी इतनी ज़ोरदार दस्तक देने के बाद, अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई... न तो घर में ताला लगा है और न ही दरवाज़ा खुला है, जिससे साफ़ पता चलता है कि घर में कोई न कोई तो है... तो आख़िर ऐसा क्या हो गया है, जो कोई भी दरवाजा खोलने नहीं आ रहा है, हो सकता है कि घर का मालिक अन्दर गहरी नींद में सो रहा है... वर्ना अब तक तो किसी न किसी को यहां तक पहुंच जाना चाहिए था, घर भी कोई ख़ास बड़ा नहीं है कि मुख्य प्रवेश द्वार तक पहुंचने में इतना समय लगे... ऐसा करता हूं कि एक बार फ़िर से कोशिश करके देखता हूं," दूसरी बार भी दरवाज़े पर दस्तक देने बाद जब कोई प्रतिक्रिया नहीं होती है, तो कार्टर हैरान परेशान होकर अपने मन में विचार करते हुए ख़ुद से कहता है और फ़िर से एक बार घर के मुख्य प्रवेश द्वार पर दस्तक देने के लिए एक कदम आगे बढ़ाता है। 

" ठक ss ठक ss ठक ss ठक... ठक ss ठक ss ठक ss ठक ss ठक," कार्टर तीसरी बार फ़िर से अपना पूरा ज़ोर लगाकर दरवाज़े पर दस्तक देता है और फ़िर से एक क़दम पीछे हटकर खड़ा हो जाता है।

" उ ss फ्फ, एक तो सिर में ज़ोरदार दर्द है... ऊपर से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई, इसका मतलब ये है कि मुझे किसी दूसरे घर का दरवाजा खटखटा कर देखना पड़ेगा... बड़ा अजीब है इस घर का मालिक, एक बार मुख्य प्रवेश द्वार खोलकर देखना भी मुनासिब नहीं समझा... भला ये भी कोई बात हुई," कार्टर तीसरी बार भी दरवाज़े पर दस्तक देने के बाद कुछ देर इन्तजार करता है, पर तीसरी बार भी उसके हाथ निराशा ही लगती है... अतः कार्टर बिना समय गंवाए अपने मन में विचार करते हुए पड़ोस के घर जाकर मदद ढूंढने का फैसला करता है और उस दिशा की ओर बढ़ने लगता है।

" बड़ी अजीब सी जगह है... इन्सानों की बस्ती होते हुए भी कोई नज़र नहीं आ रहा है, पूरी बस्ती सुनसान पड़ी है... जैसे यहां कोई रहता ही न हो... मगर जो भी हो, मुझे सहायता मांगने की कोशिश तो करनी ही पड़ेगी... देखते हैं कि पड़ोस के दूसरे घर से कोई प्रतिक्रिया होती है या नहीं," कार्टर पड़ोस के दूसरे घर की ओर बढ़ते हुए ख़ुद से बातें करते हुए कहता है और जल्द ही दूसरे घर के मुख्य प्रवेश द्वार पर पहुंचकर , दरवाज़े पर दस्तक देने के लिए अपना दायां हाथ आगे बढ़ाता है। 

" ठक ss ठक ss ठक ss ठक... ठक ss ठक ss ठक," कार्टर लकड़ी के मोटे दरवाज़े पर लटक रहे लोहे के कुंडे को पकड़कर ज़ोरदार दस्तक देता है और फ़िर एक कदम पीछे हटकर खड़ा हो जाता है तथा अपनी सज्जनता का प्रमाण देता है। 

" अ ss रे, य ss ये तो बड़ी अजीब सी बात है, अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई, ये भी घर ज़्यादा बड़ा नहीं है जो मेरे दस्तक देने की आवाज़ अन्दर तक न पहुंचे... ऊपर से मैंने ज़ोरदार दस्तक लगाई है, पर फ़िर भी इतनी देर बाद कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई, ये बडे़ आश्चर्य की बात है... चलो एक बार फ़िर से कोशिश करके देखता हूं," कार्टर काफ़ी देर तक दस्तक देने बाद खड़ा होकर इन्तजार करता है, पर जब कोई प्रतिक्रिया नहीं होती है तो फिर अपने मन में विचार करते हुए ख़ुद से कहता है और फ़िर से दस्तक देने के एक क़दम अागे बढ़ाता है। 

"ठक ss ठक ss ठक... ठक ss ठक ss ठक ss ठक ss ठक," परेशान कार्टर फ़िर से दूसरी बार दस्तक देने के लिए अागे बढ़ता है और अपनी पूरी ताकत के साथ लोहे का कुंडा पकड़कर खटखटाता है तथा एक क़दम पीछे की ओर हटकर खड़ा हो जाता है। कार्टर इस बार भी काफ़ी देर तक घर के मालिक की ओर से कोई प्रतिक्रिया होने का इंतजार करता है, पर दूसरी बार भी उसके हाथ सफलता नहीं लगती है। 

" अ ss रे, कोई है... कोई है जो मेरी आवाज़ सुन सकता है, इस अंधे बहरों की बस्ती में... मुझे सहायता की ज़रूरत है, कोई तो होगा जो मेरी मदद कर सके... अगर कोई है तो मेरे साथ ऐसा मत करो भाई, मैं बहुत तकलीफ़ में हूं, कृपया करके मेरी सहायता कर दो... क्या करूं कुछ समझ में नहीं आ रहा है, एक बार फ़िर से कोशिश करके देखता हूं... शायद कोई दरवाजा खोल दे, जहां दो बार कोशिश की है, वहां तीसरी बार भी कोशिश करके देख लेता हूं," अपनी दर्द भरी तकलीफ़ से परेशान होकर कार्टर झुंझलाहट में ज़ोर से पुकार लगाते हुए कहता है, पर फ़िर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं होती है, लेकिन कार्टर हिम्मत न हारते हुए एक बार फ़िर से कोशिश करने का फैसला लेता है और घर के मुख्य प्रवेश द्वार की ओर एक कदम आगे बढ़ाकर दस्तक देने के लिए तैयार हो जाता है। 

" ठक ss ठक ss ठक ss ठक ss ठक... ठक ss ठक ss ठक ss ठक ss ठक ss ठक ss ठक ss ठक ss ठक," अन्त में कार्टर झुंझला कर तीसरी बार दरवाज़े का कुंडा पकड़कर ज़ोरदार तथा लम्बी तान वाली दस्तक  लगाता है और फ़िर से अपनी सज्जनता का प्रमाण देते हुए एक क़दम पीछे की ओर हटकर इंतजार करने लगता है।
TO BE CONTINUED...
©IVANMAXIMUSEDWIN.

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1 Comments

Reena yadav

14-May-2024 11:17 PM

👍👍

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